LG OLED Display Production
OLED तकनीक में क्रांतिकारी बदलाव
LG Display ने दुनिया में पहली बार ब्लू फॉस्फोरेसेंट OLED (PHOLED) पैनल का व्यावसायिक उत्पादन शुरू किया है। यह उपलब्धि OLED तकनीक में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर है, जिसे “ड्रीम OLED” के अंतिम टुकड़े के रूप में देखा जा रहा है। ब्लू फॉस्फोरेसेंट OLED पैनल अब तक केवल प्रयोगशालाओं तक सीमित थे, लेकिन LG Display ने इसे उत्पादन लाइन पर सफलतापूर्वक लागू कर दिखाया है।
ब्लू फॉस्फोरेसेंट OLED: क्यों है यह खास?
OLED पैनल दो मुख्य तरीकों से प्रकाश उत्सर्जित करते हैं: फ्लोरेसेंस और फॉस्फोरेसेंस। फ्लोरेसेंट सामग्री सीधे विद्युत इनपुट पर प्रतिक्रिया देती है और लगभग 25% दक्षता प्राप्त करती है, जबकि फॉस्फोरेसेंट सामग्री ऊर्जा को अस्थायी रूप से संग्रहीत करती है और फिर प्रकाश उत्सर्जित करती है, जिससे यह प्रक्रिया 100% तक की दक्षता प्राप्त कर सकती है। हालांकि, ब्लू फॉस्फोरेसेंस प्राप्त करना अब तक एक चुनौती रहा है। LG Display ने इस समस्या का समाधान एक हाइब्रिड दो-स्तरीय टैंडेम संरचना अपनाकर किया है, जिसमें नीले फ्लोरेसेंट सामग्री को नीचे और नीले फॉस्फोरेसेंट सामग्री को ऊपर रखा गया है। इस नवाचार से लगभग 15% तक बिजली की खपत में कमी आई है।
यूनिवर्सल डिस्प्ले के साथ सहयोग
इस तकनीकी सफलता में LG Display ने अमेरिकी OLED तकनीकी भागीदार यूनिवर्सल डिस्प्ले के साथ मिलकर काम किया है। यह सहयोग OLED तकनीक में नवाचार को बढ़ावा देने में महत्वपूर्ण रहा है। LG Display ने कोरिया और अमेरिका में इस तकनीक के लिए विशेष पेटेंट आवेदन भी दायर किए हैं, जिससे इस क्षेत्र में अपनी अग्रणी स्थिति को मजबूत किया है।
आगामी प्रदर्शन
LG Display इस नए पैनल को 11 मई को अमेरिका में होने वाले Society for Information Display (SID) 2025 सम्मेलन में प्रदर्शित करेगा, जो डिस्प्ले उद्योग के लिए सबसे बड़ा वैश्विक कार्यक्रम है।
निष्कर्ष
LG Display की यह उपलब्धि OLED तकनीक में एक नया अध्याय खोलती है, जिससे उच्च दक्षता, बेहतर रंग गुणवत्ता और ऊर्जा बचत संभव होगी। यह नवाचार न केवल उपभोक्ताओं के लिए बेहतर अनुभव प्रदान करेगा, बल्कि OLED उद्योग में भी नई संभावनाओं के द्वार खोलेगा।